रेलवे द्वारा आरक्षित टिकट निरस्त्रीकरण के समयावधि के नियम में परिवर्तन
भारत के रेलमंत्री
इस परिवर्तन के तहत निम्नलिखित प्रावधान किए गए है:
टिकट वापसी की समयावधि 24 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे पहले कर दिया गया. इसी तरह से मौजूदा चार घंटे पहले टिकट रद्द कराने की अवधि को छह घंटे पहले कर दिया गया है. इस अवधि में आरक्षित रेल टिकट पर किराये की कुल धनराशि की 25 प्रतिशत की कटौती होगी जबकि दो सौ किलोमीटर, पांच सौ किलोमीटर और पांच सौ से अधिक किलोमीटर के लिए टिकट रद्द कराने की अवधि क्रमश: तीन घंटे, छह घंटे और 12 घंटे पहले को बदलकर दो घंटे पहले कर दिया गया है और इस दो घंटे की अवधि की दौरान टिकट रद्द कराने पर किराये की कुल धनराशि की 50 प्रतिशत की कटौती होगी. आरक्षित रेल टिकटों के मामले में ट्रेन रवाना होने के दो घंटे के भीतर टिकट की वापसी करानी होगी, दो घंटे बाद टिकट रद्द नहीं किया जाएगा और एक रुपया भी यात्रियों को नहीं मिलेगा.
आरक्षित श्रेणी की आरएसी और प्रतीक्षा सूची के टिकटों का रद्दीकरण भी ट्रेन रवाना होने के दो घंटे के भीतर करवाना होगा. इस मामले में अन्य कटौती के अलावा लिपिकीय शुल्क की भी कटौती होगी.
आरक्षित टिकटों के वापसी के लिए ट्रेन छूटने (प्रस्थान करने का समय) से दो घंटे पहले और अनारक्षित टिकटों के लिए तीन घंटे पहले का समय निर्धारित किया गया है.
कन्फर्म तत्काल टिकटों की वापसी नहीं होगी जबकि तत्काल आरएसी और प्रतीक्षा सूची के टिकटों को तीन घंटे के भीतर रद्द करवाना होगा.
यात्रा न करने की स्थिति में
यात्रा न करने की स्थिति में तीन दिन पूर्व खरीदे जाने वाले अनारक्षित टिकटों की वापसी यात्रा तिथि के एक दिन पूर्व रात 12 बजे तक करवानी होगी. इसी तरह से अन्य अनारक्षित रेल टिकटों को ट्रेन रवाना (प्रस्थान करने का समय) होने से तीन घंटे के भीतर करानी अनिवार्य है.
समूह में टिकट
नियमों के तहत पार्टी टिकट बुकिंग और परिवार के समूह में टिकट होने की दशा में यदि कुछ सदस्यों के टिकट कन्फर्म होते हैं तो सभी सदस्यों के टिकट वापस हो सकते हैं. इस मामले में कन्फर्म टिकट की धनराशि में कोई कटौती नहीं की जाएगी. लेकिन इन टिकटों को ट्रेन रवाना होने के छह घंटे पहले अथवा ट्रेन रवाना होने के दो घंटे के भीतर करवाना होगा.
ई-टिकट
ई-टिकट के मामले में रिफंड के लिए नए समयावधि ही लागू होगी. लेकिन इसके लिए टीटीई से एक प्रमाणपत्र लेना होगा. ई-टिकट के मामले में टिकट रद्द कराने के लिए दो घंटे के भीतर ऑनलाइन टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रिसीट) अप्लाई कराना होगा. यात्री के ट्रेन के गतंव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद टीडीआर मान्य नहीं होगा.
तत्काल टिकट
तत्काल टिकट के मामले में रिफंड नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन रेलवे ने रात नौ बजे से सुबह छह बजे की अवधि के दौरान रवाना होने वाली ट्रेनों के टिकट वापसी करने के लिए एक विशेष नियम बनाया गया है. इस विशेष नियम के तहत जिन स्टेशनों पर करंट काउंटरों की सुविधा नहीं है वहां सुबह आरक्षण केंद्र खुलने के दो घंटे के भीतर टिकट रद्द कराना होगा. यह विशेष नियम तत्काल आरएसी और प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों पर भी लागू होगा. दूरदराज और पर्वतीय क्षेत्रों में शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक की ट्रेनों पर यह विशेष नियम लागू होगा.
टिकट खो जाने पर किराये की धनराशि वापसी
टिकट खो जाने पर किराये की धनराशि वापसी नहीं होगी, लेकिन ट्रेन का चार्ट बनने से पहले आरएसी और कन्फर्म टिकट की द्वितीय प्रति (डुप्लीकेट) टिकट लेने के लिए शयनयान और द्वितीय क्लास के प्रति यात्री को 50 रुपए और अन्य श्रेणी के यात्रियों को सौ रुपए देना होगा. ट्रेन का चार्ट बनने के बाद कन्फर्म टिकट का डुप्लीकेट टिकट के लिए किराये का 50 प्रतिशत देना होगा जबकि आरएसी की द्वितीय प्रति टिकट नहीं जारी होगा. पार्टी कोच या स्पेशल ट्रेन के मामले में किराये का दस प्रतिशत की धनराशि देकर टिकट की द्वितीय प्रति जारी कराया जा सकेगा.
कुछ और बातें
• बंद, धरना प्रदर्शन या आपदा जैसी स्थिति में यदि ट्रेन छूट जाती है तो अब 90 दिनों के बजाय 10 दिन के भीतर मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (वापसी) के पास वापसी के लिए आवेदन करना अनिवार्य है.
• सुदूरवर्ती और पर्वतीय इलाकों में शाम सात से सुबह छह बजे के बीच छूटने वाली ट्रेनों के मामले में वापस संबंधित स्टेशन पर आरक्षित काउंटर खुलने के दो घंटे तक लिया जा सकेगा.
• लेट ट्रेन का टिकट रद्द कराने पर पूरा किराया वापस होगा. रद्दीकरण शुल्क भी नहीं काटेगा. शर्ते यह की टिकट ट्रेन रवाना होने से पहले रद्द कराया जाए.
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