उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति-2012 को मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति-2012 को
17 अक्टूबर 2012 को मंजूरी प्रदान की. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय
लिया गया.
इस नीति का मुख्य उद्देश्य आईटी उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित करने एवं इन क्षेत्रों में युवाओं की निपुणता और रोजगार क्षमता में वृद्धि करना है.
इस नीति के तहत आगरा और लखनऊ को आईटी सिटी और यहां आईटी पार्क स्थापित करके आईटी हब के तौर पर विकसित किया जाएगा.
इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये इस क्षेत्र में लगने वाले सभी नये उद्योगों को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा. इसकी अधिकतम सीमा प्रति उद्योग एक करोड़ रुपए प्रति वर्ष होगी और यह पांच वर्षों तक देय होगा.
राज्य के मंत्रिपरिषद द्वारा मंजूर की गई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति-2012 के तहत सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगों को सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे तक चलाने के लिए श्रम विभाग से विशेष अनुमति दी जानी है. अगर इन उद्योगों द्वारा कुल उपलब्ध कराए गए रोजगार का (न्यूनतम 100) कम से कम 50 प्रतिशत उत्तर प्रदेश के निवासियों को लगातार 3 वर्षों तक उपलब्ध कराया जाता है तो कर्मचारी भविष्य निधि तथा राज्य कर्मचारी बीमा योजना के तहत 75 प्रतिशत धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.rsyinfo.blogspot.in
इस नीति का मुख्य उद्देश्य आईटी उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित करने एवं इन क्षेत्रों में युवाओं की निपुणता और रोजगार क्षमता में वृद्धि करना है.
इस नीति के तहत आगरा और लखनऊ को आईटी सिटी और यहां आईटी पार्क स्थापित करके आईटी हब के तौर पर विकसित किया जाएगा.
इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये इस क्षेत्र में लगने वाले सभी नये उद्योगों को पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा. इसकी अधिकतम सीमा प्रति उद्योग एक करोड़ रुपए प्रति वर्ष होगी और यह पांच वर्षों तक देय होगा.
राज्य के मंत्रिपरिषद द्वारा मंजूर की गई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति-2012 के तहत सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगों को सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे तक चलाने के लिए श्रम विभाग से विशेष अनुमति दी जानी है. अगर इन उद्योगों द्वारा कुल उपलब्ध कराए गए रोजगार का (न्यूनतम 100) कम से कम 50 प्रतिशत उत्तर प्रदेश के निवासियों को लगातार 3 वर्षों तक उपलब्ध कराया जाता है तो कर्मचारी भविष्य निधि तथा राज्य कर्मचारी बीमा योजना के तहत 75 प्रतिशत धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.rsyinfo.blogspot.in
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